करीब ले जाते हैं किसी सुकून के ख्याल उसके ,
अजब सी बेनामी बेहोशी दिलाते हैं सवाल उसके ,भीग जाता हूँ मैं उस अजनबी बारिश में ,
याद आते हैं जब , जुल्फों के कमाल उसके ,
होता हैं जब कही हुस्न -ओ -सादगी का ज़िक्र ,
खुदबखुद लबों पे चले आते हैं मिसाल उसके ,
चुपके से बातो ही बातो में जान लेते हैं लोग ,
क्यों आते हैं मेरे दिल में ख्याल उसके ,
खबर मिली नजरों में हैं उसकी उल्फत ,
दिखे जब मेरे दिल के करीब रखे रुमाल उसके , - puneet