Monday, November 24, 2008

wo aur uska khwab

करीब  ले  जाते  हैं  किसी  सुकून  के  ख्याल  उसके ,
अजब  सी  बेनामी  बेहोशी  दिलाते  हैं   सवाल  उसके ,

भीग  जाता  हूँ  मैं  उस  अजनबी  बारिश  में  ,
याद आते  हैं   जब , जुल्फों  के  कमाल  उसके ,

होता  हैं   जब  कही  हुस्न -ओ -सादगी  का  ज़िक्र ,
खुदबखुद  लबों  पे  चले  आते  हैं   मिसाल  उसके ,

चुपके  से  बातो  ही  बातो  में  जान  लेते  हैं  लोग ,
क्यों  आते  हैं  मेरे  दिल  में  ख्याल  उसके ,

खबर  मिली  नजरों  में  हैं  उसकी  उल्फत ,
दिखे  जब  मेरे  दिल  के  करीब  रखे  रुमाल  उसके , - puneet

Saturday, November 22, 2008

Meri Badnasibi

उल्फतो  में  हमने  अजब  तकदीरी  देखी,
वास्ते  इस  दिल  के  उन  अश्को  की  फकीरी  देखी ,

लब्जो  के  कशीदे  उनके  खूब  थे  अकेले  में ,
ज़माने  भर  में  उन्ही  लब्जो  की  मसखरी  देखी ,

छू लेते  थे  हर  तडपते  अरमान  को  वो ,
गैर  ज़ख्मो  में  उसी  मरहम  की  करीबी  देखी ,

समेट  लाते  थे  हर  गुफ्तगू  की  यादो  को ,
चंद लम्हों  के  गुजरने  पर  सबकी  बेनशी  देखी ,

क्या  कहते  हो  किसी  से , जो  तुम  पे  गुजरी 'चिराग ',
कभी  खुद  की  हरसतो  की  बदनसीबी  देखी .

Friday, November 14, 2008

meri aashiqi

मेरे  नगमो  में  कोई  तो  है ,जो  इस  महफ़िल  में  घुल  गया  है ,
कुछ  तो  है  जो  इस  दिल  से  उस  दिल  तक  गया  है ,

कोशिश  में  है  वो  छुपाने  की  ,चेहरे  पे  उभरी  तमन्नाए ,
मगर  इन   नजरो  से  हर  रंग  धुल  गया  है ,
आज  जज्बातों  को  हरकतों  से  बयां  करते  है , पर  क्यों ,
आखिर  मेरा  लब  उनके  लब  से  सिल  जो  गया   है ,

झलकाते है  वो  दुप्पटे  से , ख्वाबो  से निकालते हैं
पर  बेकार  है  ,ये  शख्स  उस  जिस्म   में  पल  जो   गया  है  -पुनीत 

begining from abt me

वक़्त सा गुजर जाता हूँ ,लोगों को खबर नहीं,
क्या छुपाते हैं वो दिलों में, मैं इतना बेखबर  नहीं  - पुनीत