Friday, November 14, 2008

meri aashiqi

मेरे  नगमो  में  कोई  तो  है ,जो  इस  महफ़िल  में  घुल  गया  है ,
कुछ  तो  है  जो  इस  दिल  से  उस  दिल  तक  गया  है ,

कोशिश  में  है  वो  छुपाने  की  ,चेहरे  पे  उभरी  तमन्नाए ,
मगर  इन   नजरो  से  हर  रंग  धुल  गया  है ,
आज  जज्बातों  को  हरकतों  से  बयां  करते  है , पर  क्यों ,
आखिर  मेरा  लब  उनके  लब  से  सिल  जो  गया   है ,

झलकाते है  वो  दुप्पटे  से , ख्वाबो  से निकालते हैं
पर  बेकार  है  ,ये  शख्स  उस  जिस्म   में  पल  जो   गया  है  -पुनीत 

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