आज पूछा उसने-------
वो बेखबर थे या ना थे , मतलब ए वफ़ा आज पुछा उसने ,
मिला जो मेरा दोस्त नुक्कड़ पे,मेरी कब्र का पता आज पुछा उसने,दो फूल लेकर वो आये, कैसा लगा तोहफा आज पुछा उसने,
बोले सुनते थे वो मेरी हर आहट,बस वक़्त आने का आज पुछा उसने,
तबियत नासाज़ थी या कुछ गम था,सबब गुजर जाने का आज पुछा उसने,
बारिश में उनसे टकराने पे, माथे पे पसीनो के क्यों आने का आज पुछा उसने,
कैसा हू मैं ,क्या करता हू मैं , हवा पानी तमाम आज पुछा उसने,
मेरे जन्मदिन पे तुमने आवाज दी थी ,क्या था काम आज पुछा उसने,
मेरे लिखे कुछ कागज़ के पन्नो का,उसके घर आने का आज पुछा उसने,
तकलीफ तो होगी ,पर मतलब समझाने का आज पुछा उसने,
समेत के अपने आंसू ,कबूल कर लोगे ये आखिरी सलाम आज पुछा उसने,
कुछ कदम चल के वो पलटे ,क्या था शख्स तेरा नाम आज पुछा उसने, -----------पुनीत
1 comment:
Ishq ke rashto me judai na mili hoti,
Hume Pyaar me ye bewafai na mili hoti,
khush hote hum bhi auro ki tarah,
Agar hume unse ye ruswai na mili hoti
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